कार कंपनियों की नए साल से ज्यादा उम्मीद, EV पर रहेगा सबसे ज्यादा फोकस

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Car companies have high expectations from new year, maximum focus will be on EV

Maximum Focus will be on EV| साल 2023 में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री दर्ज करने वाली घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री आने वाले साल यानी 2024 में बिक्री की रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में जुटी है। अगले कुछ दिनों में खत्म होने वाले साल 2023 में यात्री वाहनों की बिक्री 40 लाख यूनिट का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है। हालांकि, नए साल की शुरुआत में ही वाहन निर्माताओं ने अपने वाहनों की कीमतें बढ़ाने की घोषणा कर दी है। इससे वाहनों की बिक्री वृद्धि पर असर पड़ सकता है।

देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि अगले साल बिक्री पिछले साल की तुलना में नरम रहने की संभावना है। ऐसे में वाहन बिक्री की रफ्तार बनाए रखने के लिए छोटी कारों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल वाहन बिक्री में छोटी कारों की हिस्सेदारी करीब 4 फीसदी रही। जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह अनुपात करीब 14 फीसदी था। भार्गव ने कहा कि जहां तक मारुति सुजुकी की बात है तो हमें इंडस्ट्री से ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में भी सकारात्मक वृद्धि होगी।

ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं के संगठन सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि अगले साल ऑटोमोबाइल उद्योग का बिक्री परिदृश्य सकारात्मक रहने की उम्मीद है। इसका श्रेय सर्वांगीण आर्थिक विकास को दिया जा सकता है। अगले साल ईवी सेगमेंट को मजबूती मिलने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि कुल वाहन बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी बढ़ती रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए FAME योजना का अगला चरण 2024 में लाने की भी उम्मीद जताई। FAME-2 योजना की अवधि अगले साल खत्म हो रही है।

वाहन वितरकों के संगठन फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि अगले साल यात्री वाहन की बिक्री कम एकल अंक में रहने की उम्मीद है, जबकि दोपहिया वाहनों के मामले में यह उच्च एकल अंक में हो सकती है। ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं के संगठन ACMA की महानिदेशक विनी मेहता ने कहा कि भारत-एनसीएपी के आने से सुरक्षा पर जोर बढ़ेगा और ईवी पर फोकस होने के कारण ऑटो कंपोनेंट सेक्टर को भी बदलाव करने होंगे इसके उत्पादन में.

वर्ष 2023 स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की लोकप्रियता बढ़ने का वर्ष रहा है और यह प्रवृत्ति अगले वर्ष भी जारी रहने की संभावना है। हुंडई मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि इस साल एसयूवी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 49 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और हुंडई के मामले में यह अनुपात 60 प्रतिशत है। उद्योग के लिए एसयूवी हिस्सेदारी 2024 तक 50 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है और कंपनी के लिए यह 60 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है।

टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि कंपनी पारंपरिक इंजनों पर आधारित वाहनों के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों में भी नए उत्पाद पेश करेगी। इसमें साणंद फैक्ट्री की पूरी क्षमता का इस्तेमाल किया जाएगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा भी इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट पर अपना फोकस बनाए रखने की तैयारी कर रही है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ऑटोमोटिव और कृषि प्रभाग) राजेश जेजुरिकर ने कहा कि कंपनी अपने बोर्न इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो को भारतीय बाजार में जोरदार ढंग से लाने की योजना बना रही है।

इस साल लग्जरी वाहन सेगमेंट में भी बिक्री काफी अच्छी रही है और अब इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग भी बढ़ रही है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि सामान्य उद्योग अनुमान के अनुरूप, यह कंपनी के लिए सबसे अच्छा वर्ष होने की भी संभावना है।